अब UPI Free नहीं! 2025 के नए नियम: किससे कटेगा चार्ज और कौन रहेगा Safe?

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अब UPI Free नहीं! जानिए 2025 से लागू होने वाले नए नियम, किससे कटेगा चार्ज और कौन रहेगा Safe?
2025 में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के नए नियम लागू हुए हैं, जिससे कई यूजर्स के मन में सवाल उठ रहा है – अब क्या UPI ट्रांजैक्शन फ्री नहीं रहेगा? किस पर चार्ज लगेगा? और क्या छोटे दुकानदारों पर कोई असर पड़ेगा? इस ब्लॉग में हम आपको आसान भाषा में पूरी जानकारी देंगे ताकि आप बेफिक्री से UPI का इस्तेमाल कर सकें।

किनके लिए UPI ट्रांजैक्शन अब भी फ्री है?

आम ग्राहक और छोटे दुकानदार – यदि आप बैंक अकाउंट से जुड़े UPI ऐप से पैसे भेजते या लेते हैं (P2P या P2M), तो आपके लिए कोई चार्ज नहीं है। आप चाहे ₹10 भेजें या ₹1,00,000 – आपका ट्रांजैक्शन पूरी तरह फ्री है।

  • कोई MDR, इंटरचेंज फीस या बैंक शुल्क नहीं।
  • छोटे किराना, ठेला, गोलगप्पा वाले जैसी दुकानों को कोई UPI चार्ज नहीं देना है।

किसे देना होगा UPI चार्ज?

  • बड़े व्यापारी/मर्चेंट्स: अगर आप वॉलेट (जैसे Paytm/PhonePe वॉलेट) या PPI के जरिए ₹2,000 से ज़्यादा की पेमेंट लेते हैं, तो 0.5% से 1.1% तक इंटरचेंज फीस देनी होगी (व्यापार वर्ग के अनुसार)।
  • बैंक व पेमेंट एग्रीगेटर: कुछ बैंक पेमेंट एग्रीगेटर/वॉलेट कंपनियों से हर ट्रांजैक्शन पर मामूली फीस वसूलते हैं, जो अमूमन व्यापारी के हिस्से में जाती है, आम उपभोक्ता पर नहीं।
  • कैटेगरी उदाहरण: पेट्रोल, सुपरमार्केट, बीमा आदि पर अलग-अलग फीस रेट तय हैं।

छोटे दुकानदार और आम लोग क्यों हैं Safe?

गोलगप्पा वाले, किराना दुकानदार, फेरीवाले – जो छोटे स्तर पर कारोबार करते हैं, उन्हें UPI लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता।

जब तक सालाना कारोबार ₹40 लाख से कम है, न तो कोई UPI चार्ज और न ही कोई अतिरिक्त टैक्स; हां, ज्यादा कारोबार पर GST पंजीकरण आवश्यक हो सकता है, पर वो UPI से अलग मामला है।

बड़ा दुकानदार और छोटा दुकानदार कैसे पहचानें?

बड़ा और छोटा दुकानदार (मर्चेंट) पहचानने का मुख्य आधार होता है उनका कारोबार (टर्नओवर) और व्यवसाय का पैमाना। 2025 के UPI नियमों के हिसाब से इसे इस तरह समझा जा सकता है:

  • छोटा दुकानदार: जिनका सालाना कारोबार लगभग ₹40 लाख से कम होता है। उदाहरण: गोलगप्पा वाला, छोटे किराना स्टोर, फेरीवाला आदि। छोटे दुकानदार UPI ट्रांजैक्शन पर आमतौर पर कोई चार्ज नहीं देते और इन्हें राहत मिलती है।
  • बड़ा दुकानदार या व्यापारी: जिनका सालाना कारोबार ₹40 लाख या उससे अधिक होता है। उदाहरण: सुपरमार्केट, पेट्रोल पंप, बड़े मर्चेंट और डिजिटल वॉलेट के माध्यम से बड़े लेन-देन करने वाले व्यवसायी। इनके ऊपर कुछ UPI चार्ज जैसे MDR या इंटरचेंज फीस लागू हो सकते हैं।

सरकारी, NPCI और टैक्स नियमों के अनुसार कारोबार के पैमाने व वार्षिक बिक्री के हिसाब से यह वर्गीकरण किया जाता है। इससे तय होता है कि किन मर्चेंट्स पर UPI के नए चार्ज लागू होंगे और किसे छूट मिलेगी।

इसलिए, किसी दुकानदार को बड़ा या छोटा जानने के लिए उसकी सालाना बिक्री या टर्नओवर देखना सबसे महत्वपूर्ण होता है। साथ ही GST रजिस्ट्रेशन और व्यवसाय की प्रकृति भी संकेत देते हैं।

वर्गीकरणटर्नओवर (सालाना)उदाहरणUPI चार्ज का प्रभाव
छोटा दुकानदार₹40 लाख से कमगोलगप्पा वाला, किराना स्टोरUPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं
बड़ा दुकानदार₹40 लाख या अधिकसुपरमार्केट, पेट्रोल पंप, बड़े मर्चेंटMDR और इंटरचेंज फीस लागू हो सकते हैं

ध्यान दें कि यह वर्गीकरण नियमों तथा संदर्भ के अनुसार थोड़ा बदल सकता है, लेकिन ऊपर दिया गया आंकड़ा सामान्यतः मान्य है।

यदि आप किसी खास दुकानदार की स्थिति जानना चाहते हैं तो उसकी वित्तीय रिपोर्ट, व्यापार का आकार और डिजिटल पेमेंट के लेन-देन का पैमाना देखना जरूरी होगा।

UPI चार्ज कब से देना होगा?

2025 के नए UPI नियमों के अनुसार, UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगना 1 अगस्त 2025 से प्रभाव में आना शुरू हो गया है।

मुख्यत: यह चार्ज उन पेमेंट एग्रीगेटर्स (जैसे PhonePe, Paytm आदि) पर लागू होता है, जिन्हें बैंक (जैसे ICICI बैंक) हर UPI ट्रांजैक्शन पर मामूली फीस लेना शुरू कर चुके हैं। यह शुल्क लगभग 0.02% (2 बेसिस प्वाइंट) के हिसाब से प्रति ट्रांजैक्शन है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹6 प्रति ट्रांजैक्शन रखी गई है।

प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए सीधे UPI ट्रांजैक्शन अभी भी फ्री हैं। लेकिन बड़े मर्चेंट्स या व्यवसायी, जो ₹2,000 से ऊपर के वॉलेट या PPI आधारित लेन-देन करते हैं, उनसे इंटरचेंज फीस या MDR चार्ज लिया जा सकता है।

2025 के UPI के खास नए नियम

  • बैलेंस चेक डेट: एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस देख सकेंगे।
  • बैंक अकाउंट लिस्ट: दिन में 25 बार से ज्यादा अकाउंट लिस्ट नहीं देख सकते।
  • ऑटोपे और सब्सक्रिप्शन: Recurring payments सिर्फ निर्दिष्ट समय में ही होंगे।
  • Inctive UPI ID: 12 महीने तक न इस्तेमाल की तो UPI ID बंद हो जाएगी।
  • UPI क्रेडिट लाइन: अगस्त के अंत से बैंक क्रेडिट लाइन से UPI भुगतान संभव होगा।
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निष्कर्ष

2025 में भी आम आदमी और छोटे दुकानदारों के लिए UPI ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री है। चिंता सिर्फ उन्हीं मर्चेंट्स और कंपनियों को है जिनकी पेमेंट वॉलेट या बहुत बड़ी है। आप बेफिक्र रहें – आपका डिजिटल लेन-देन सुरक्षित और फ्री रहेगा।

आपको यह जानकारी कैसी लगी? अपना सवाल या सुझाव नीचे कमेंट करें, हम जवाब देंगे!

 

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