
मार्केट कपलिंग क्या है?
- मार्केट कपलिंग एक ऐसी प्रणाली है जिसमें देश के सभी पावर एक्सचेंजेस (जैसे IEX, PXIL, HPX) पर बिजली की खरीद-बिक्री के लिए आने वाली ऑर्डर्स को एक साथ जोड़ा जाता है।
- सभी एक्सचेंज की डिमांड-सप्लाई एक प्लेटफॉर्म पर मिलती है और एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के जरिए एक ही क्लियरिंग प्राइस पूरे देश के लिए तय होता है।
- इससे हर एक्सचेंज का अलग-अलग प्राइस डिस्कवरी का हक खत्म। अब सब जगह एक जैसा बिजली का भाव रहेगा।
मार्केट कपलिंग के फायदे
- एक समान प्राइस: पूरे देश में बिजली की एक ही कीमत तय होगी।
- ट्रांसपेरेंसी: सारे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों पर समान और पारदर्शी वर्किंग।
- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: छोटे एक्सचेंजेस को भी ग्रोथ और वॉल्यूम मिलेगा।
- बाजार का हेल्दी वातावरण: किसी एक एक्सचेंज का वर्चस्व नहीं रहेगा, जिससे ग्राहकों को बेहतर डील मिलेगी।
इसे कब लागू किया जाएगा?
CERC (Central Electricity Regulatory Commission) ने घोषणा की है कि जनवरी 2026 से डे-अहेड मार्केट (DAM) में मार्केट कपलिंग शुरू होगी। शुरुआत में यह सिर्फ डे-अहेड मार्केट से ही लागू होगी, बाद में अन्य मार्केट सेगमेंट्स में भी विस्तार हो सकता है।
IEX में हड़कंप क्यों?
- IEX का बाजार में अब तक लगभग 85-90% हिस्सा था—यानी सबसे बड़ा पावर एक्सचेंज।
- अब मार्केट कपलिंग के कारण प्राइस डिस्कवरी का अधिकार IEX के पास नहीं रहेगा—सभी एक्सचेंजों को बराबरी मिलेगी।
- इससे IEX का मार्केट शेयर गिर सकता है और इन्वेस्टर्स को कमाई घटने का डर है।
- इसी वजह से IEX के शेयर में गिरावट आई और बाजार में हलचल मची।
Google पर पूछे जाने वाले आम सवाल (FAQs)
सवाल | उत्तर |
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मार्केट कपलिंग क्या है? | सभी पावर एक्सचेंजों की बिड्स को जोड़कर एक ही प्राइस तय करने की केंद्रीय व्यवस्था। |
इसका सबसे बड़ा असर किस पर पड़ेगा? | IEX पर—क्योंकि मार्केट कपलिंग के बाद उसका वर्चस्व घटेगा। |
क्या इससे बिजली सस्ती होगी? | शुरुआत में नहीं, लेकिन लॉन्ग टर्म में ट्रांसपेरेंसी और प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ता को फायदा हो सकता है। |
क्या छोटे एक्सचेंजेज को फायदा? | हाँ, PXIL, HPX जैसी एक्सचेंजेज को ट्रेडिंग वॉल्यूम और ग्राहक मिलने की संभावना बढ़ेगी। |
यह सिस्टम कब लागू होगा? | जनवरी 2026 से डे-अहेड मार्केट में लागू किया जाएगा। |
मार्केट कपलिंग कौन लागू करा रहा है? | CERC (Central Electricity Regulatory Commission) भारत का पॉवर मार्केट रेगुलेटर। |
IEX के लिए आगे क्या?
IEX को अपनी सर्विस, टेक्नोलॉजी और बिजनेस मॉडल्स पर ध्यान देना होगा, क्योंकि अब मार्केट कम्पटीशन बराबर हो जाएगा। निवेशकों को भी सतर्कता रखनी चाहिए, क्योंकि कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट पर दबाव रहने की संभावना है।
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निष्कर्ष
मार्केट कपलिंग भारतीय बिजली बाजार के लिए बड़ा बदलाव है। इससे पारदर्शिता, कंपटीशन और प्राइस यूनिफॉर्मिटी आएगी। IEX जैसी बड़ी कंपनियों के लिए यह चुनौती है, वहीं छोटे एक्सचेंजेस के लिए अवसर। बिजली, पावर या ट्रेडिंग मार्केट में निवेश के समय इस बदलाव को जरूर ध्यान में रखें।